DharmDev
Sunday, November 26, 2023
Sunday, November 19, 2023
मां काली का कैसे हुआ जन्म, अमावस्या से जुड़ा है महत्व, आधीरात में की जाती है पूजा l DharmDev
Tuesday, November 7, 2023
Sunday, November 5, 2023
Krishna Paksha Ashtami and Kaal Bhairav Stotra | कृष्ण पक्ष अष्टमी और कालभैरव स्तोत्र | DharmDev
Tuesday, September 5, 2023
दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र
सुबह प्रातः काल शिवजी की पूजा अर्चना तथा शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
शाम में किसी शिव मंदिर में जाएँ और सर्वप्रथम शिवजी का ध्यान और संकल्प करें।
तत्पश्चात शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
भगवान शिव के सामने दो बाती के दीपक को जलाएं, अर्थात एक हीं दीपक में दो अलग अलग बाती लगी हो।
ध्यान रखें की दिए में लम्बी वाली बाती होनी चाहिए। गाय के घी का दीया सर्वोत्तम माना गया है।
दारिद्र्यदहनशिवस्तोत्रम्
विश्वेश्वराय नरकार्णवतारणाय कर्णामृताय शशिशेखरधारणाय । कर्पूरकान्तिधवलाय जटाधराय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥ १॥ गौरीप्रियाय रजनीशकलाधराय कालान्तकाय भुजगाधिपकङ्कणाय । गङ्गाधराय गजराजविमर्दनाय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥ २॥ भक्तिप्रियाय भवरोगभयापहाय उग्राय दुर्गभवसागरतारणाय । ज्योतिर्मयाय गुणनामसुनृत्यकाय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥ ३॥ चर्मम्बराय शवभस्मविलेपनाय भालेक्षणाय मणिकुण्डलमण्डिताय । मञ्जीरपादयुगलाय जटाधराय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥ ४॥ पञ्चाननाय फणिराजविभूषणाय हेमांशुकाय भुवनत्रयमण्डिताय । आनन्दभूमिवरदाय तमोमयाय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥ ५॥ भानुप्रियाय भवसागरतारणाय कालान्तकाय कमलासनपूजिताय । नेत्रत्रयाय शुभलक्षणलक्षिताय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥ ६॥ रामप्रियाय रघुनाथवरप्रदाय नागप्रियाय नरकार्णवतारणाय । पुण्येषु पुण्यभरिताय सुरार्चिताय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥ ७॥ मुक्तेश्वराय फलदाय गणेश्वराय गीतप्रियाय वृषभेश्वरवाहनाय । मातङ्गचर्मवसनाय महेश्वराय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥ ८॥ वसिष्ठेन कृतं स्तोत्रं सर्वरोगनिवारणम् । सर्वसम्पत्करं शीघ्रं
Friday, June 23, 2023
महादेव अपनी गरदन में सांप क्यों लपेटे रहते हैं?
देवों के देव महादेव सभी देवताओं से निराले हैं। इनके अस्त्र शस्त्र से लेकर इनके वस्त्र और आभुषण भी सभी देवी-देवताओं से अलग है। शरीर पर बाघ की खाल धारण किए हुए महादेव गले में नाग का श्रृगांर करते हैं। तो क्या कभी किसी ने सोचा है इनके गले में नाग क्यों हैं। +वो नाग कौन हैं? और शंकर जी के गले में क्यों रहता है? दोस्तों आज हम आपको इस वीडियों में बताने जा रहें हैं कि भगवान शिव में bके गले में हर समय नाग क्यों लिपटा रहता है। और वो उनके गले में कैसे आए।
एक कथा के अनुसार वासुकि भगवान शिव के परम भक्त थे। माना जाता है कि नाग जाति के लोगों ने ही सबसे पहले शिवलिंग की पूजा का प्रचलन शुरू किया था। वासुकि की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनसे वरदान मांगने के लिए कहा। तब नागराज ने उनके बाकि गणों की तरह ही उन्हें भी अपने गणों में शामिल करके उनकी सेवा करने का वरदान मांगा। तब से भगवान शंकर ने उन्हें अपने गले में धारण कर लिया।
.भगवान शंकर अपने सवारी नंदी की तरह की प्रेम करते हैं। और यही वजह है शिव और शिवलिंग को नाग के बिना अधूरा माना जाता है।
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Baglamukhi Mantra: Meaning, Significance and Benefits ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिम विनाशय ह...
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